Paradigm Shifts का प्रयाग
(ज्ञानी गजेन्द्र की प्रेम कहानी एपिसोड 2)
नदियों के संगम को प्रयाग कहते हैं। ज्ञानी गजेन्द्र के ज्ञान का संगम सूचना प्रौद्योगिकी से हो गया था। ज्ञानी गजेन्द्र और फेसबुक का संगम उनके लैपटॉप और स्मार्टफोन पर प्रत्यक्ष रूप में अब देखा जा सकता था।
ज्ञानी गजेन्द्र जिस परिस्थिति से गुज़र रहे थे; वह हमारे देश और दुनिया में कोई नयी बात नहीं हैं। एक समय जो अभिभावक अपने बच्चो को टीवी और मोबाइल के इस्तेमाल से होने वाले दुष्प्रभावों पर प्रवचन दिया करते थे; आज वही मोबाइल की लत के शिकार हो रहे हैं।
संभवतः यह कहानी भी तो आप अपने मोबाइल की स्क्रीन पर ही पढ़ रहे होंगे।
वैश्विक महामारी से आये Paradigm Shift के बाद स्मार्टफोन के इस्तेमाल को लेकर समाज में स्वीकार्यता अब और भी बढ़ गयी हैं। समय के साथ, हमारे सीनियर सिटिज़न टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल को लेकर काफी उत्सुक होते जा रहे हैं। जैसे मेरे माता पिता दस साल पहले Nokia के कीपैड वाले फीचर फ़ोन से SMS नहीं कर पाते थे, आज वह धड़ल्ले से व्हाट्सप्प का इस्तेमाल कर रहे हैं। स्मार्टफोन और स्मार्ट टीवी पर अब वह YouTube Videos का सेवन रोज़ करते हैं।
हमारे ज्ञानीजी तो महज़ चालीस साल के हैं। उनके सर के कुछ बाल सफ़ेद हो गए हैं; मगर इस उम्र के व्यक्ति को युवा कह कर ही सम्बोधित किया जाता हैं। वैसे भी सफ़ेद बाल होना अब तो आम बात हैं। बीस साल की उम्र में भी बच्चो के बाल पकने लगें हैं।
स्मार्टफोन का इस्तेमाल तो वह पिछले पांच या छह साल से कर रहे हैं।
लेकिन पहले की तुलना में; ज्ञानी गजेन्द्र आजकल फेसबुक पर काफी सक्रिय हो गए थे। नित नए लोगों से उनको friend request आने लगे थे। उनके अंदर भी नए लोगों के साथ जुड़ने की लालसा बढ़ने लगी। किसी रोज़ उन्हें Quora पर यह ज्ञान मिल गया था की अगर आपके संपर्क ज्यादा से ज्यादा लोग हैं तो फिर आपको सफल होने से कोई नहीं रोक सकता। आपका एक strong network होना ही चाहिए, तभी आप influential और successful माने जाओगे।
ज्ञानी गजेन्द्र के लिए सफ़लता को परिभाषित करने के लिए financial freedom और passive income जैसे ज्ञान भी उनसे जुड़ गए थे। ज्ञान के इस आयाम के सामने गजेन्द्र को उनके भूगोल का ज्ञान तुक्ष लगने लगा। भूगोल के अध्यापक को अगर जीवन में फाइनेंसियल फ्रीडम हासिल करना हैं तो उसको कुछ तो out of box करना ही होगा।
फेसबुक पर मिलने वाले प्रतिक्रियाएँ गजेन्द्र के लिए प्रेरणा स्रोत हो गयी थी। उनके अंदर का बालक क्रिएटिव होता जा रहा था। फेसबुक पर उनका जलवा था, रोज़ कुछ न कुछ पोस्ट वह डालते ही रहते थे। जिसे अच्छा response भी मिलता था।
उनकी रचनात्मकता किसी से छुपी नहीं, बल्कि अब उसे नए पंख मिल चुके थे!
इसी बीच उनको फेसबुक पर आया - एक cute से DP (display picture) वाला friend request....
क्रमशः
-फ़्रीवास्तवजी
(फ़्री स्पीच वाले)
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