पूर्वाग्रह (Prejudice) और Brain Hack से कैसे बचें|Offline Therapy|







कुछ दिनों पहले मैंने इस चैनल पर एक इंटरव्यू किया था।  Interview current affairs और political मुद्दों पर था। 

interview का host होने के नाते मुझे unbiased होना चाहिए था। लेकिन discussion में मैं इतना involve हो गया था की मेरे ख़ुद के personal विचार भी झलक गए थे। 



मैंने पोलिटिकल issues पर इस चैनल पर वीडियोस बनाये हैं। मैं अपने political विचारों को ले कर कुछ videos में काफ़ी vocal भी रहा हूँ।



लेकिन मैं उनमें टॉक शो का host नहीं था.

i am grateful to दर्शन , जिन्होंने उस वीडियो में कमेंट करके मुझे इस बात का एहसास दिलाया। 



definitely उस discussion में मेरा पूर्वाग्रह निकल कर बहार आ रहा था.



आज का वीडियो इसी topic पर हैं. 



पूर्वाग्रह

jise इंग्लिश में prejudice कहते हैं.



Prejudice की वजह से हम अपने मन में पहले से ही किसी बना लेते हैं.

हम जो राय बनाते हैं ज़रूरी नहीं की वोह 100 % perfect हो.

हमारे मन में बनी यह धारणा हमारे experiences और society के साथ हमारे interaction से बनती हैं. बहुत से cases में हमारे साथ ऐसा भी होता हैं की society के साथ हमारा interaction हम पर इतना हावी हो जाता हैं की हम अपने अनुभवो को नज़रअंदाज़ तक कर देते हैं.



या फिर हमारे खुद के experiences society के collective thinking से ही start होते हैं.



हमारी सोसाइटी के साथ हमारा interaction और हम जिस environment में रहते हैं वह हमारे अंदर की thinking pattern को program करता रहता हैं.

हम किसी दूसरे जाती,धर्म, race, gender, राज्य, देश के बारे में जो कुछ भी सोचते हैं; उसमें एक बड़ा contribution Society की collective thinking का भी होता हैं. 



आज के डिजिटल age में society का विस्तार बहुत ही व्यापक हो चूका हैं. आज की तारीक़ में  distance is no more a constraint. Internet और social  media की वजह से हम दुनिया के किसी भी कोने में बैठे लोगों के साथ कनेक्ट कर सकते हैं. हम दुसरो के विचारो को consume कर सकते हैं और साथ ही साथ हम अपने विचारो को भी ब्रॉडकास्ट कर सकते हैं.

एक ही छत के नीचे रह रहे दो logon mein अलग अलग social influence हो sakta हैं.



it all depends with whom they are in communication with in the online and offline world.



--------------------- Prejudice sahi ya galat ----------------------------------------------



अब सवाल यह उठता हैं की पूर्वाग्रह या prejudice हमारे लिए सही हैं या गलत?



क्योंकि हम विचारो को कैद नहीं कर सकते। हम नार्थ कोरिया नहीं हैं जहाँ की सरकार लोग क्या बात कर रहे हैं उसको भी supervise करती हैं.



हमारे पास freedom of speech and expression हैं.

इसलिए हमारे interactions - हमारे अंदर कुछ न कुछ bias तो build करेंगे ही.



इसलिए न चाहते हुए भी हम totally unbiased नहीं हो सकते.



हमारे aspirations और हमारे interactions के cocktail से हम सभी के अपने-अपने unique thinking pattern develop होते ही हैं.



this is a quite contrasting preposition. we as an individual have a unique thinking pattern. BUT at the same time we are also a part of a larger mix of a collective thinking.



हमारे अंदर जो पूर्वाग्रह develop होते हैं वोह कभी कभी इतने extreme हो जाते हैं की वह logic या तर्क से भी परे हो जाते हैं.

पूर्वाग्रह की वजह से हमारे अंदर double standards तक भी develop हो जाते हैं और हमें इस बात का पता भी नहीं चलता.



-------------------------Brain Hack--------------------------------------------------------------



prejudice is a natural and psychological phenomenon .

मगर इसका इस्तेमाल करके powerful लोग society की collective thinking को manipulate कर सकते हैं

for example फेयर skin is a benchmark for beauty .

Indian society का यह एक common thought हैं



यह पूर्वाग्रह लोगों में कैसे develop हुआ होगा? यह धारणा हमारी सोसाइटी में पहले से रही होगी, जिसको recognize करके ब्यूटी प्रोडक्ट्स लांच हुए होंगे.

और फिऱ इन्ही companies ने TV और अन्य mediums पर advertise करके सोसाइटी के इस prejudice को intensify भी किया होगा.



beauty products is one such example. हमें influence करने के लिए powerful लोग नए नए तरीके आजमा रहे हैं।  और जाने अनजाने हम influence होते भी हैं.



Print media , TV News channels , radio ,  movies, web-series, tv serials, social media platforms, YouTube channels, whatsapp groups, यह सभी एक बहुत ही इफेक्टिव माध्यम हैं.

इनके जरिये दूसरो के एजेंडा driven content हम तक पहुंचते हैं। और जाने अनजाने हमको प्रभावित भी करते हैं। 



------------------------ how to safeguard from brain hack------------------------------------------



पूर्वाग्रहों से बचने का सिर्फ एक ही तरीका हैं और वह हैं self cleansing and stick to the basics.

for example , अगर आप किसी दूसरे धर्म या कौम के लोगों से नफरत करते हो तोह आपको खुद से पूछना होगा की आप ऐसा क्यों करते हो?

क्या यह विचार आपके मन में अपने खुद के अनुभवों से develop हुआ हैं या फिर आप दुसरो के अनुभवों के आधार पर ऐसा सोचते हो.



दुसरो की कही सुनी बातें उनके खुद के अनुभव थे या वह भी कही और की कही सुनी आपको बताते थे?



आपके मन में बसे कट्टर विचारो से किस किस को क्या फायदा पहुंच रहा हैं.

क्या इन विचारो की वजह से आपके मन में भेद भाव develop होता हैं।



आप खुद से कुछ logic based argument kar सकते हो जैसे 

किसी दिन आपके अपने community के साथी ने आपके साथ कुछ बुरा किया था तोह क्या आपके मन में यह विचार आया था की

क्या! मेरी अपनी community लोग ख़राब हैं?



शायद नहीं आया होगा, उस वक़्त आप उस individual के against ही सोच रहे होंगे.



लेकिन जब कभी किसी दूसरे कौम या कम्युनिटी के व्यक्ति आपके साथ बुरा किया होगा तोह आपने ऐसा सोचा होगा की वह पूरी community ही ख़राब हैं। 

अगर ऐसा हैं तोह इसका मतलब की हमारे prejudice hacked एंड corrupted हो रहे हैं.



यह सिर्फ एक example था.



हमें खुद को ब्रेन हैक से बचने के लिए ऐसे logic driven सवाल पूछने होंगे। 



is topic par aapke kya vichar hain?

Lets continue this discussion in the comments section.





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