Financial Advisor से सलाह लेना क्यों जरूरी है

आपने टीवी और इंटरनेट पर म्यूच्यूअल फंड्स सही है यह वाला एडवर्टाइजमेंट तो देखा ही होगा। 

म्यूच्यूअल फंड्स डेफिनेटली सही  होते  तो
हैं लेकिन इतने सारे म्यूच्यूअल फंड्स में से सबसे सही कौन सा म्यूच्यूअल फंड है? 

यह हमें कौन बताएगा

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अगर आपको शेयर मार्केट और कैपिटल मार्केट की अच्छी नॉलेज है तो फिर कौन सा म्यूच्यूअल फंड आपके लिए सही है यह आपको पता करने में दिक्कत नहीं होगी.

लेकिन अगर आपको म्यूच्यूअल फंड्स के बारे में जानकारी नहीं है तो आपको  फाइनेंसियल एडवाइजर से सलाह लेनी चाहिए। 

यह म्यूच्यूअल फंड्स भी तो कई प्रकार के होते हैं। और सिर्फ म्यूच्यूअल फंड्स ही नहीं, फाइनेंसर मार्केट में ढेर सारे प्रोडक्ट है। 
और हमें इस बात की जानकारी नहीं हो पाती कि कौन सा फाइनेंसियल प्रोडक्ट हमारे लिए उपयुक्त है। 

हमारी इसी कम जानकारी का फायदा उठा कर के एजेंट्स हमें गलत पॉलिसी बेच देते हैं। हमारी मेहनत की कमाई के पैसों पर कमीशन का बंदरबांट होता है। 

लेकिन एक professional financial advisor आपसे फीस लेकर के सलाह देता है। ऐसी स्थिति में आपकी सलाहकार को कमीशन से होने वाली कमाई की चाहत नहीं रहती। 

इस तरह आपको सही financial products खरीदने की संभावना बढ़ जाएगी। 

हम अपनी कमाई के लिए इतनी मेहनत करते हैं, मगर हमारी अज्ञानता हमसे गलत फाइनेंशियल डिसीजन करवा देती है। 

आपको अपने पर्सनल फाइनेंस के लिए थोड़ा तो स्वार्थी होना ही पड़ेगा। आखिरकार आप अपने और अपने परिवार के लिए कमाते हो ना की किसी एजेंट के लिए। पैसे तो आपको अपनी जेब से खर्च करने ही होंगे। 

एक अच्छे प्रोफेशनल फाइनेंशियल एडवाइजर की फीस आपके कमाई को काफी हद तक दूसरों की कमीशन वाली कमाई के फिजूल खर्च से बचा सकती है।

कोई भी एजेंट आपको 
अटल पेंशन योजना 
डायरेक्ट म्युचुअल फंड प्लांस
इंडेक्स फंड
टर्म इंश्योरेंस 
public provident fund 
voluntary contribution to EPFO
Liquid and debt funds

जैसे फाइनेंसियल प्रोडक्ट को खरीदने के लिए आपको प्रोत्साहित नहीं करेगा। 

क्योंकि इन सभी फाइनैंशल प्रोडक्ट्स में उसे कमीशन रूपी कमाई नहीं होगी। इसलिए आपका शुभचिंतक एजेंट इन प्रोडक्ट का नाम लेने से भी बचेगा। अगर आप इन सभी प्रोडक्ट के बारे में उससे जानकारी देने की कोशिश करोगे तो वह कोई ना कोई कारण बताकर के इन प्रोडक्ट्स की खामियों को आपके सामने प्रदर्शित करने की कोशिश करेगा। 

मगर एक सच्चा फाइनेंसियल एडवाइजर आपको आपके पर्सनल फाइनेंस से संबंधित जो भी गोल्स है उसके हिसाब से एक उपयुक्त सलाह देगा। 

एक अर्जेंट आपको यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान जैसे कॉम्प्लिकेटेड फाइनेंशियल इंस्ट्रूमेंट्स बेचने की कोशिश करेगा। वह आपसे यह कहेगा की यूनिट के थ्रू आपको इंश्योरेंस भी मिलेगा और म्यूचुअल फंड का एडवांटेज भी मिलेगा। मगर वह आपको यह बात नहीं बताएगा कि इस इन्वेस्टमेंट से उसे कितना कमीशन मिलेगा। 

निवेश करते वक्त हमें इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि हम जिस प्रोडक्ट में निवेश कर रहे हैं वह प्रोडक्ट सिंपल हो। अगर उस प्रोडक्ट में ढेर सारे फीचर्स है और वह प्रोडक्ट कॉन्प्लेक्स है तो इसका मतलब स्पष्ट है की उस प्रोडक्ट की फाइनप्रिंट में आपके लिए ढेर सारी हिडेन चार्जेस और एक्सपेंसेस भी हो सकते हैं। 

लंबी अवधि में आपको उस प्रोडक्ट से शायद वैसे रिटर्न ही ना मिले जैसा उसके वैकल्पिक एवं सरल ऑप्शन में आपको मिल जाते। 

अगर प्रोडक्ट को समझने मैं आपको तकलीफ हो रही है और आपका शुभचिंतक एजेंट उस प्रोडक्ट को अच्छे से नहीं समझा पा रहा है तो यह आपके लिए एक बड़ा संकेत है कि आपके साथ मिस सेलिंग का अटेम्प्ट हो रहा हो। 

Microsoft Excel के द्वारा आप स्वयं ही ऐसी फाइनैंशल प्रोडक्ट्स का रिटर्न ऑन इन्वेस्टमेंट कैलकुलेट कर सकती हो। XIRR एक बहुत ही यूज़फुल फार्मूला है किसी भी इन्वेस्टमेंट के ANNUALIZED RETURN ON INVESTMENT की CALCULATION करने के लिए। 

XIRR के माध्यम से आप अलग-अलग इन्वेस्टमेंट ऑप्शंस को आपस में एक कॉमन बेंच मार्क पर कंपेयर करने में सक्षम हो जाओगे। 

अगर आप चाहती हो कि मैं एक्स आई आर आर फीचर पर एक TUTORIAL वीडियो बनाओ तो मुझे कमेंट सेक्शन में जरूर बताइएगा। 

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