नमस्कार हम हैं पान चबाउ चौबे।
परिवार चलाने में भी परिवार का मुखिया घर के सभी लोगों को खुश नहीं रख सकता। तो सोचो मोदी जी तो पूरा देश चला रहे हैं. उनको कितनी दिक्कतों का सामना करना पड़ता हैं. इसका अंदाज़ा हैं क्या आपको?
धरना फ्रॉम होम के साथ साथ हम ज्योतिषी का काम भी कर लेते हैं.
मोदीजी की कुंडली देखा हमने. उनकी सिंह राशि हैं! पिछले साल से ही उनकी कुंडली में राहु, मंगल और शनि कुम्भ राशि में बैठ कर जॉइंट opposition का काम कर रहे हैं.
गृह नक्षत्र मिलकर मोदीजी की किस्मत को ट्रोल कर रहे हैं. ग्रहों के इस तांडव को बैन करना पड़ेगा।
इसीलिए वह डबल शिफ्ट काम के बाद दो घंटा ओवरटाइम भी करते हैं.
(8 + 8 + 2 = 18)
विदेशो में वैक्सीन भेजते हैं, भारत में उसका shortage हो जाता हैं.
विदेशो में वैक्सीन भेजना व्यापारिक करार था; मगर चापलूस समाचार चैनलों में इस बात का प्रचार हो जाता हैं.
वैक्सीन गुरु का प्रचार से बदनामी हो जाती हैं, पोस्टर चिपका दिए जाते हैं.
विरोधी टूलकिट बनाते हैं; टूलकिट को एक्सपोज़ करने पर Manipulated Media हो जाता हैं.
Media कोई आज का Manipulated हैं क्या?
वह तो पिछले सात साल से था, मगर मोदीजी की किस्मत ख़राब हैं इसलिए उनके विरोधी आज शक्तिशाली हो रहे हैं.
मोदीजी सोच समझ कर करते हैं जो कुछ भी करते हैं। मगर किस्मत ख़राब हैं इसलिए सब उल्टा पुल्टा हो जाता हैं. आत्मनिर्भर स्वदेशी वैक्सीन की किल्लत हो जाती हैं तोह इम्पोर्ट करना पड़ता हैं. एक्सपोर्ट को बढ़ावा देने के लिए जिस चीज़ को एक्सपोर्ट करो उसी सामान की किल्लत हो जाती हैं जैसे ऑक्सीजन. रेमदेसवीर की किल्लत का हाहाकार मच जाता हैं. कालाबाज़ारी होने लगती हैं. जब सप्लाई सुचारु हो जाती हैं तो WHO ससुरा कहता हैं की इस दवाई से कोई फायदा नहीं; नमक पानी का घोल ज्यादा असरदार हैं.
कल को देखना मोदीजी को बदनाम करने वाले नमक की भी कालाबाज़ारी कर देंगे।
वेंटीलेटर बनाने वाले ख़राब पुर्जा लगा के मोदीजी को धोका दिए; उसमें भी उनकी ही बदनामी हुई.
स्किल इंडिया प्लान चलाया तो सिर्फ गोरक्षक और ट्विटर वारियर ही प्रशिक्षित हुए; वेंटीलेटर चलने वाला स्किल आउट ऑफ़ सिलेबस निकला।
मोदीजी के SYSTEM में सब अधिकारी निकम्मे निकले तो उसकी बदनामी भी मोदीजी को झेलनी पड़ी.
चापलूसों से मोदीजी को और नुक्सान हो रहा हैं. आएगा तो मोदी ही बोलने की क्या जरुरत हैं जब चुनाव तीन साल बाद होने हैं; २००२ का विराट रूप की बात क्यों करते हैं चुनाव हारने के बाद. चापलूसों की जुबान कण्ट्रोल नहीं होती और छवि मोदीजी की ख़राब होती हैं.
छवि बेहतर करने की कोशिश करो, देसी पत्रकारों को लाइन पे लाओ तो विदेशी पत्रकार अनाप शनाब छाप देते हैं. जो विदेशी सराहना करते हैं; वह भाजपा के कार्यकर्ता निकल जाते हैं.
लोगों के डिमांड पर मंदिर बनाओ तो लोग हॉस्पिटल मांगने लगते हैं. लोग ही अपनी प्रायोरिटी चेंज करते हैं, बदनामी मोदीजी की होती हैं.
चुनावों में देरी हो जाए तो लोकतंत्र के ठेकेदार डेमोक्रेसी खतरे में हैं बोलने लगते हैं. चुनाव करवा दिया तो भी बदनामी हो गयी की क्यों चुनाव कराया। और मोदीजी को बदनाम कर देते हैं.
जबकि मोदीजी और भाजपा लोकतंत्र को कितना सीरियसली लेती हैं भाई. पंचायत, सभासद, मेयर, MLA, MP, राज्य सभा; सभी चुनावों को सीरियसली लेती हैं . लोकतंत्र में अखंड आस्था रखने के बाद भी मोदीजी की बदनामी होती हैं. आलोचक उनको तानाशाह बोल देते हैं. अमित शाह को भी तानाशाह का ताना मिल जाता हैं. बताओ एक फ़क़ीर आदमी को तानाशाह सम्राट बना देते हैं.
फ़क़ीर अपनी कुटिआ में मोर को दाना खिलता हैं तोह उस पर भी कटाक्ष हो जाता हैं. फ़क़ीर कुटिआ से पक्का मकान में शिफ्ट होने की सोचे तो उसमे भी उसकी आलोचना हो जाती हैं.
आदमी अपना घर भी नहीं बनवा सकता क्या? आदमी जाए तो जाए कहाँ?
किस्मत के सितारे सब उलट पुलट देते हैं.
बंगाल के लिए कितना मेहनत किये। रात दिन सात दिन काम किये। "जिस चौराहे पे बुलाओगे हम आ जायेंगे" वाला अपना वादा भी पूरा किया बंगाल में अनगिनत रैलियों के द्वारा।
कोरोना के कीटाणु ने भी धोका दिया; चला गया हूँ बोल करके चुपके से वापस आ गया.
मोदीजी ने आपदा में अवसर का नारा दिया; मगर उसको पकड़ा कालाबाजारियों ने क्योंकि राष्ट्रभक्त तो ट्विटर और फेसबुक पर बिजी रह गए :(
उसमें भी मोदीजी की गलती हैं क्या?
अगर कालाबाज़ारी इलेक्टोरल बांड्स भी खरीदते हैं? मोदीजी सन्यासी हैं कोई बैटमैन नहीं!
यह महामारी वैश्विक हैं; कितने देश जैसे नाइजीरिया, पाकिस्तान, इस बीमारी से परेशान हैं.
लेकिन,
सितारों का खेल देखिये जजमान,
बदनाम हो रहे हैं हमारे पार्टी की पहचान!
इतना सब होने के बाद, मोदीजी बेचारे कितने दुखी हैं. वक़्त बुरा हो तो आपके आंसू पर भी विरोधी कटाक्ष मारने से बाज नहीं आते.
थोड़ी तो शर्म रखो?
एक आदमी भावुक हो रहा हैं और तुम लोग मोदी ओ मोदी बोल के चिढ़ाते हो? अट्टहास मारते हो? थोड़ी तोह मर्यादा रखो, भगवान से डरो
मेरा सभी अंधभक्तो से, मेरा मतलब मोदी जी के अखंड भक्त लोगों से आग्रह हैं की मोदीजी के लिए हवन कराएं। अब बस उसी की जरुरत हैं.
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लोक कल्याण का कार्य अवश्य करें!
फ़्रीवास्तवजी
(फ़्री स्पीच वाले)
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