Ludo : जुआ या टैलेंट? Bombay High Court to hear plea from MNS Leader to consider ludo is gambling or game of skill
PanChabau: ग्यानी गजेंद्र, रोज़ की तरह आज आप फिर से उखड़े उखड़े दिख रहे हो? क्या हो गया गुरु? क्या परेशानी हो गयी? सब खैरियत तो हैं न?
Gyaani Gajendra: पान चबाउ जी; क्या बताऊ; देश और दुनिआ की हालत देख कर परेशां हूँ. अब हमारी अदालतों को ही देख लो. देश में पेंडिंग केसेस की कोई कमी नहीं हैं लेकिन हमारी अदालतें इस बात पर सुनवाई करने जा रही हैं की लूडो दिमाग का खेल हैं की जुआ हैं.
PanChabau:
बच्चे बिना परीक्षा दीए पास हो रहे हैं, राम राज्य का कार्यकाल ख़तम होने से पहले ही हस्तिनापुर और अवध नरेश के बीच महाभारत के नौबत की सुगबुगाहट हो रही हैं; 5G रेडिएशन के खतरे की खबरों का आतंक हैं; तीसरे लहर की तैयारी हैं; समाचार और प्रोपेगंडा के नाम पर इतना कुछ हैं;
ऐसे में तुम कहाँ से यह सब खबर लाते हो
लूडो दिमाग का खेल हो या जुआ हो; इसमें तुम क्यों परेशां हो रहे हो?
गर्मियों की छुट्टिए चल रही हैं; कोर्ट जो भी काम कर रहा हैं वह उसका वेकेशन बेंच देख रहा होगा; जो जज घर पर नाती पोतों के साथ लूडो नहीं खेल पा रहा, इतनी नेगेटिविटी के बीच अगर वह वकीलों के दलीलों में ही लूडो खेल ले तो उसमें तुमको क्या आपत्ति हैं ?
Gyaani: हमारे देश में कितने बड़े बड़े मामले अदालतों में अटके हुए हैं, और हमारे अदालतों की प्रायोरिटी तो देखो कि अब इस बात का फैसला किया जाएगा कि लूडो क्या है? जुआ या गेम ऑफ़ स्किल
चुन्नू (मोदी का मास्क पहने हुए) : इ चाचा! तुमको का लगता हैं लूडो क्या हैं?
PanChabau: बचवा पहले तो तुम ये मोदीजी का मास्क लगा कर घूमना बंद करो! मतलब मोदीजी ने इस नालायक को बिना परीक्षा के PUBG के परफॉरमेंस पर १२ पास बना दिया; मास्क लगाना अच्छी बात हैं मगर यह "चुनाव प्रचार फ्रॉम होम" का वक़्त अभी नहीं आया।
२०५० के बाद आएगा जब हम डेवेलोप कंट्री हो जायेंगे।
Gyaani गजेंद्र : अरे हम तो २०२० तक ही डेवेलोप होने वाले थे; मगर देश की हालत देखो। नेता समाज सेवा के नाम पर हाई कोर्ट में लूडो के लिए PIL दे रहे हैं.
PanChabau: अब मामला जब अदालत पहुंच ही गया हैं तोह तुम ही बताओ लूडो क्या हैं? क्या कहते हो जुआ या दिमागी कसरत?
Gyaani: मेरे लिए यह सिर्फ एक मनोरंजन का माध्यम हैं. पाशा फेको गोटी खिसकाओ और फॅमिली एंड फ्रेंड्स के साथ क्वालिटी टाइम बिताओ। वह तो लूडो के इतने गेम आ गए हैं मोबाइल पर की कुछ अप्प्स इसमें इनाम शिनाम देने लगें हैं. ऑफलाइन मोड में भी पैसे लगा कर बच्चे खेलना शुरू कर दिए हैं..
चुन्नू : देश के बच्चो और युवाओ पर मत जाना अंकल; अगला रेवोलुशन हम बाल मित्र PUBG और फ्री फायर में ले कर आने वाले हैं. पैसे हम ड्रीम ११ में लगाते हैं जो गेम ऑफ़ स्किल हैं और PUBG में पैसो से ज्यादा इज़्ज़त कमाते हैं
PanChabau: ग्यानी महोदय बात न भटकाए, अपना पक्ष तो बतायें
Gyaani: मेरे हिसाब से Technically ; यह हैं तो जुआ। लेकिन कैपिटलिज्म से प्रेरित ताकतें इसको गेम ऑफ़ स्किल साबित कर ही देंगी। जैसे ड्रीम ११ टाइप के मोबाइल अप्प्स को साबित किया की वे लॉटरी नही हैं।
चुन्नू : अरे चाचा ड्रीम ११ को कुछ मत बोलना; क्रिकेट सिर्फ एक खेल नहीं हमारा धर्म हैं और ड्रीम११ उस धर्म का पवित्र मंदिर!
PanChabau: ग्यानी भइआ हमको तो लूडो गेम ऑफ़ स्किल लगता हैं. काहे की हम तुमको हरा दिए थे उस दिन; हम अपना स्किल लगाए थे; इसलिए अपने अनुभव से बता रहे हैं.
Gyaani: हराये तो मामा शकुनी भी थे पांडवों को; फिर क्यों छीन लिया राजपाठ और भेज दिया पांडवो को वनवास? लूडो जैसे गेम के कारण ही द्रोपदी का चीर हरण हुआ, युधिष्ठिर के ऊपर जुआरी का तमका लगा.
PanChabau:
जीतने के लिए स्किल लगता हैं भाई; और रही बात इतिहास की; जिसकी सत्ता होती हैं उसका इतिहास होता हैं.
मामा शकुनी लूडो के सबसे बड़े चैंपियन थे. आज तक उनसे बड़ा लूडो का धुरंधर पैदा ही नहीं हुआ।
अगर कौरव महाभारत जीते होते कृष्णा की जगह शकुनि पूजे जाते।
लूडो में स्किल लगता हैं! जीतने के लिए दिमाग दौड़ना पड़ता हैं! इट इस अ गेम ऑफ़ विजडम!
Gyaani:
गेम ऑफ़ स्किल फुटबॉल होता हैं; क्रिकेट होता हैं जहाँ आपको सिचुएशन के हिसाब से इंस्टेंट डिसिशन ले कर खेल में परफॉर्म करना होता हैं.
लेकिन लूडो का पासा एक random variable हैं. हर पाशा फेंक पर छह में से किसी एक अंक के आने की सम्भावना का खेल होता हैं।
सम्भावना - probability - चांस - लूडो इस गेम ऑफ़ चांस
PanChabau: लेकिन पास फेंकना भी स्किल होता हैं; अलग बात हैं की तुम्हारे जैसे हारने वाले इसको प्रोबेबिलिटी बताएँगे। जब हम बच्चे रहे तब हम मुरलीधरन की तरह लूडो की डुगडुगी बजाते थे और जब जैसी जरुरत होती थी छक्का दुग्गी चौका ले कर जीत जाते थे।
Gyaani: अरे महाराज लेकिन मोबाइल की स्क्रीन पर कौन सा मुरली धारण की तरह गूगली या दूसरा फेंकोगे। वहां तो सॉफ्टवेयर का अल्गोरिथम decide करेगा की क्या नंबर आएगा। और सॉफ्टवेयर तो यही चाहेगा की आप खेलते रहो और कंपनी को अपना वक़्त और अगर हो तो पैसे भी देते रहो।
PanChabau: तो सॉफ्टवेयर बनाना आसान काम तो नहीं; उसके लिए जानकारी होनी चाहिए; तो यह गेम ऑफ़ स्किल हुआ न?
Gyaani: सॉफ्टवेयर खेलता नहीं हमें खिलाता हैं; हमारे वक़्त, हालात और जज़्बात से खेलता हैंं
PanChabau: जज़्बात से खेला, मतलब अप्प के माध्यम से आपके साथ खेला हुआ; तो फिर ये गेम ऑफ़ स्किल ही हुआ न?
Gyaani: जज़्बात और हमारे टैक्स से तो नेता लोग भी खेलते हैं! उनके पास कौन सा स्किल होता हैं; अंगूठा छाप ही न होते हैं?
तो फिर आप बताओ जन प्रतिनिधि चुनना जुआ हैं या गेम of skill?
PanChabau: स्किल होगी तभी बड़े बड़े डिग्री होल्डर आईएएस बिना इनसे पूछे पत्ता भी नहीं हिला पाते? मसूरी में ट्रेनिंग पाए कलेक्टर भी अब IT Cell का अनुसरण करते हुए पाए जाते हैं!
Gyaani: यह तो पूँजीवाद का साइड इफ़ेक्ट हैं? लूडो अप्प में इसके जैसे लौंडे लड़कियों से बात करने की चाहत में जाते हैं।
चुन्नू : हम सख़्त लौंडे हैं; हम नहीं जाते; आपके जैसे अधेड़ उम्र के अंकल जाते हैं; टिंडर में भाव नहीं मिलता तो लूडो के IQ लेवल पर आ जाते हैं.
PanChabau: IQ लेवल बढ़ाओ ग्यानी गजेंद्र; Clubhouse के voice chatrooms पर जाओ; वहां तुमको बुद्धिजीवी मैडम लोग मिलेंगी जो पूँजीवाद के साइड इफ़ेक्ट से लेकर; आगामी चुनावो के एग्जिट पोल दिल से डिस्कशन मॉडरेट करते हुए मिल जाएँगी।
बस; वहां जा कर अपनी आदत से मजबूर हो कर फ्लिर्टिंग मत करने लगना; नहीं तो संबित से निलंबित हो जाओगे।
चुन्नू : तो अंकल फाइनली decide क्या हुआ? लूडो क्या हैं?
PanChabau: देखो बेटा अदालत के चलने वाले कालजयी मुक़दमे, पांच पांच साल चलने वाले सरकारें, इंटरनेट पर दिखाए जाने वाले वेब-सीरीज, रहस्यमई उपन्यास, नोलन की फिल्मे, और ऐसी बकैती होती बिना निष्कर्ष के यानी Open End के साथ ही समाप्त होती हैं. हमारी यह चर्चा भी उसी कैटेगरी में आती हैं।
इसका फैसला तो जनता जनार्दन पर छोड़ दो, जिनसे मेरी अपील हैं की वह कमेंट सेक्शन में अपनी राय रखे!
फ़्रीवास्तवजी
(फ़्री स्पीच वाले)
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